89 करोड़ रुपये का भुगतान, मेसी नाराज़: साल्ट लेक स्टेडियम अफरा-तफरी के 5 बड़े खुलासे
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी के कार्यक्रम के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर जांच में कई नए तथ्य सामने आए हैं। गिरफ्तार मुख्य आयोजक सतद्रु दत्ता ने विशेष जांच दल (SIT) की पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे..
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी के कार्यक्रम के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर जांच में कई नए तथ्य सामने आए हैं। गिरफ्तार मुख्य आयोजक सतद्रु दत्ता ने विशेष जांच दल (SIT) की पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे किए हैं।
जांच एजेंसियां फिलहाल इन पांच बड़े बिंदुओं की गहन जांच कर रही हैं..
1. शारीरिक संपर्क से नाखुश थे मेसी
दत्ता ने जांचकर्ताओं को बताया कि 13 दिसंबर को साल्ट लेक स्टेडियम में अपनी मौजूदगी के दौरान लियोनेल मेसी “छुए जाने या गले लगाए जाने से नाराज़” थे।
उनके अनुसार, विदेशी सुरक्षा अधिकारियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मेसी को पीठ थपथपाना या गले लगाना पसंद नहीं है।
खुद को संयमित रखने की बार-बार घोषणाओं के बावजूद मैदान पर मेसी को चारों ओर से घेर लिया गया, जिसके बाद वह तय समय से पहले ही कार्यक्रम छोड़कर चले गए।
2. प्रवेश बढ़ते ही भीड़ नियंत्रण ध्वस्त
आयोजक के मुताबिक, कार्यक्रम के लिए शुरुआत में मैदान में प्रवेश के केवल 150 पास जारी किए गए थे।
लेकिन एक “बेहद प्रभावशाली व्यक्ति” के स्टेडियम पहुंचने के बाद यह संख्या कथित तौर पर तीन गुना कर दी गई, जिसने आयोजक को भी दरकिनार कर दिया।
दत्ता का कहना है कि इस अचानक बढ़ोतरी से पूरे कार्यक्रम का फ्लो-चार्ट बिगड़ गया और आयोजक मैदान क्षेत्र में प्रवेश को नियंत्रित नहीं कर पाए।
3. प्रभावशाली व्यक्ति की भूमिका जांच के घेरे में
जांचकर्ता दत्ता के इस दावे की पड़ताल कर रहे हैं कि उस अज्ञात प्रभावशाली व्यक्ति के हस्तक्षेप से ही भीड़ प्रबंधन पूरी तरह विफल हो गया।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इसी हस्तक्षेप के कारण अनधिकृत लोगों को प्रवेश मिला और सुरक्षा चूक बढ़ी, जिससे दर्जनों लोग मेसी के बेहद करीब पहुंच गए।
4. मंत्री की नजदीकी और इस्तीफा
कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास लगातार मेसी के बेहद करीब नजर आए। तस्वीरों और वीडियो में उन्हें मेसी की कमर थामे फोटो खिंचवाते देखा गया।
उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रिश्तेदारों और परिचितों को मेसी तक पहुंच दिलाई। बढ़ती आलोचना के बीच, जांच पूरी होने तक अरूप बिस्वास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
5. 100 करोड़ रुपये का दौरा खर्च और फ्रीज खाते
दत्ता ने खुलासा किया कि भारत दौरे के लिए मेसी को 89 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि 11 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में सरकार को चुकाए गए। इस तरह कुल खर्च 100 करोड़ रुपये रहा।
उनका दावा है कि इस राशि का 30% प्रायोजकों से और 30% टिकट बिक्री से आया।
जांच में दत्ता के फ्रीज किए गए बैंक खातों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिलने की बात भी सामने आई है। पुलिस ने उनके घर से दस्तावेज जब्त किए हैं और यह सत्यापित किया जा रहा है कि यह पैसा वास्तव में टिकट बिक्री और प्रायोजन से ही आया था या नहीं।
इस कार्यक्रम के लिए हजारों दर्शकों ने महंगे टिकट खरीदे थे, लेकिन अफरा-तफरी के कारण मेसी गैलरी से लगभग दिखाई ही नहीं दिए। इससे प्रशंसकों में भारी नाराज़गी फैल गई और बाद में स्टेडियम में तोड़फोड़ भी हुई।
विशेष जांच दल फिलहाल तोड़फोड़, सुरक्षा चूक, अनधिकृत प्रवेश और इस पूरे मामले में आयोजकों व अधिकारियों की भूमिका की विस्तृत जांच जारी रखे हुए है।
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