दम घोंटने लगी ज़हर बनी हवा, दिल्ली-एनसीआर ‘गंभीर’ प्रदूषण की चपेट में..!

देश में बुधवार को सिर्फ तीन शहर ऐसे थे जहाँ हवा की गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में दर्ज की गई—गाज़ियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली “बहुत खराब” की ऊपरी सीमा पर बनी रही और “गंभीर” स्तर में पहुँचने से केवल नौ अंक दूर रह..

दम घोंटने लगी ज़हर बनी हवा, दिल्ली-एनसीआर ‘गंभीर’ प्रदूषण की चपेट में..!
20-11-2025 - 09:20 AM

नयी दिल्ली। देश में बुधवार को सिर्फ तीन शहर ऐसे थे जहाँ हवा की गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में दर्ज की गई—गाज़ियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली “बहुत खराब” की ऊपरी सीमा पर बनी रही और “गंभीर” स्तर में पहुँचने से केवल नौ अंक दूर रह गई। राजधानी एवं एनसीआर में दिनभर घना, स्थिर धुंधलापन छाया रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, गाज़ियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 422 दर्ज हुआ, जो इसे “गंभीर” श्रेणी में गहराई तक धकेल देता है। ग्रेटर नोएडा 420 पर रहा और नोएडा 409 के साथ इसके करीब ही रहा। दिल्ली का शाम 4 बजे का AQI 392 था—“बहुत खराब”, लेकिन अगले चरण के बेहद करीब।

बुधवार को देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सभी एनसीआर का हिस्सा थे, जो यह दर्शाता है कि भारत की प्रदूषण समस्या अब भी मुख्य रूप से इसी क्षेत्र में केंद्रित है। शीर्ष तीन के बाद हापुड़, रोहतक, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और भिवाड़ी का स्थान रहा।

गुरुग्राम और फरीदाबाद की स्थिति थोड़ी बेहतर रही, जहाँ AQI क्रमशः 300 और 265 दर्ज हुआ, जो “खराब” श्रेणी में आता है।

अधिकारियों व विशेषज्ञों के अनुसार यह रुझान नया नहीं है। नवंबर के शुरुआती 19 दिनों में कम से कम तीन दिनों तक गाज़ियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा देश के सबसे प्रदूषित शहर रहे। बाकी 13 दिनों में भी 11 बार एनसीआर के शहर ही सूची में शीर्ष पर थे। 1 से 19 नवंबर के दौरान नोएडा में तीन, ग्रेटर नोएडा में पाँच, गाज़ियाबाद में चार और दिल्ली में तीन “गंभीर” प्रदूषण वाले दिन दर्ज हुए।

अधिकारियों ने इस बढ़ोतरी के लिए प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों को जिम्मेदार बताया। गाज़ियाबाद में यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित कुमार के अनुसार, “बहुत धीमी हवा के कारण प्रदूषक फैल नहीं पा रहे और AQI तेज़ी से बढ़ रहा है। हमारी टीमें कूड़ा जलाने पर कार्रवाई, रेडी-मिक्स कंक्रीट प्लांट सील करने, मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग और पानी के छिड़काव जैसी गतिविधियाँ बढ़ा रही हैं।”

मौसम विशेषज्ञों ने भी हवा की गति को मुख्य कारण बताया। स्काइमेट वेदर के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, “बहुत कम हवा चलने से प्रदूषक जमा हो रहे हैं और फैल नहीं पा रहे। यह स्थिति अगले दो से तीन दिनों तक रह सकती है। अगले सप्ताह तक किसी पश्चिमी विक्षोभ या बारिश का पूर्वानुमान नहीं है।”

दिल्ली के लिए केंद्र के एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) के पूर्वानुमान के अनुसार, 20 और 21 नवंबर को दिल्ली का AQI “बहुत खराब” रहेगा, लेकिन 22 नवंबर को यह “गंभीर” श्रेणी में जा सकता है क्योंकि मौसम की परिस्थितियाँ प्रतिकूल बनी रहेंगी। 23 नवंबर के बाद अगले छह दिनों के लिए भी हवा की गुणवत्ता “गंभीर” से “बहुत खराब” के बीच रहने की संभावना जताई गई है।

CPCB के अनुसार AQI 0-50 “अच्छा”, 51-100 “संतोषजनक”, 101-200 “मध्यम”, 201-300 “खराब”, 301-400 “बहुत खराब” और 400 से ऊपर “गंभीर” माना जाता है।

निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) के आंकड़े बताते हैं कि बीते दिनों में हवा की दिशा बदलने के कारण पराली जलाने का प्रभाव घटा है। बुधवार को दिल्ली के PM2.5 में पराली का योगदान 3.88% रहा। यह मंगलवार को 5.43% और सोमवार को 16.13% था।

एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-3 के निर्देश पहले से लागू हैं, जिनमें गैर-जरूरी निर्माण एवं विध्वंस पर रोक और निजी चारपहिया BS3 पेट्रोल व BS4 डीज़ल वाहनों पर प्रतिबंध शामिल है। स्टेज-3 पाबंदियाँ 11 नवंबर को लागू की गई थीं, जब दिल्ली का AQI पहली बार इस सीज़न में “गंभीर” श्रेणी में गया था।

थिंक-टैंक एनवायरोकैटलिस्ट्स के संस्थापक व प्रमुख विश्लेषक सुनील दहिया ने कहा कि जनसंख्या घनत्व, प्रतिकूल मौसम और भौगोलिक परिस्थितियाँ मिलकर एनसीआर को प्रदूषण का केंद्र बनाती हैं। “उच्च प्रदूषण की वजह से ऊर्जा की खपत ज़्यादा, वाहनों का दबाव ज़्यादा, कचरा उत्पादन अधिक और उद्योगों की बड़ी संख्या मिलकर उत्सर्जन लोड बढ़ा देती है। जब हवा धीमी और तापमान गिर रहा हो, तो प्रदूषण जमने लगता है। अरावली और हिमालय की पर्वतमालाएँ पंजाब व हरियाणा से पराली के धुएँ के लिए एक मार्ग तैयार करती हैं, जो इंडो-गैंगेटिक मैदानों तक फैल सकता है।”

दिल्ली के बेस स्टेशन सफदरजंग ने बुधवार को न्यूनतम तापमान 10.2°C दर्ज किया, जो सामान्य से दो डिग्री कम है। मंगलवार को यह 9.6°C था। शुक्रवार तक न्यूनतम तापमान 10 से 12°C के बीच रहने का अनुमान है। वहीं अधिकतम तापमान 28.3°C दर्ज हुआ, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। शुक्रवार तक अधिकतम तापमान 26 से 28°C के बीच रहने की संभावना है।

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THE NEWS THIKANA, संपादकीय डेस्क यह द न्यूजठिकाना डॉट कॉम की संपादकीय डेस्क है। डेस्क के संपादकीय सदस्यों का प्रयास रहता है कि अपने पाठकों को निष्पक्षता और निर्भीकता के साथ विभिन्न विषयों के सच्चे, सटीक, विश्वसनीय व सामयिक समाचारों के अलावाआवश्यक उल्लेखनीय विचारों को भी सही समय पर अवगत कराएं।