जेल से इमरान खान के विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद पाकिस्तान में तनाव, रावलपिंडी में कड़ी सुरक्षा

तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सजा सुनाए जाने के बाद संभावित विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए रावलपिंडी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1,300 से अधिक पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों को तैनात किया..

जेल से इमरान खान के विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद पाकिस्तान में तनाव, रावलपिंडी में कड़ी सुरक्षा
22-12-2025 - 09:51 AM

रावलपिंडी। तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सजा सुनाए जाने के बाद संभावित विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए रावलपिंडी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है।

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1,300 से अधिक पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। यह कदम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों द्वारा प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए उठाया गया है।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा व्यवस्था में दो पुलिस अधीक्षक (एसपी), सात उप-पुलिस अधीक्षक (डीएसपी), 29 इंस्पेक्टर और थाना प्रभारी, 92 उच्च श्रेणी के अधिकारी और 340 कांस्टेबल शामिल हैं।

इसके अलावा, एलीट फोर्स के सात दस्ते, रैपिड इमरजेंसी एंड सिक्योरिटी ऑपरेशंस के 22 कर्मी और दंगा-निरोधक प्रबंधन विंग के लगभग 400 जवानों को भी तैनात किया गया है।

अधिकारियों ने दक्षिणपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी द्वारा संभावित प्रदर्शनों की आशंका का भी हवाला दिया है। जमात-ए-इस्लामी ने जिसे वह “ब्लैक लोकल गवर्नमेंट एक्ट 2025” बता रही है, उसके खिलाफ पूरे पंजाब में प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

जेल से इमरान खान का आह्वान

73 वर्षीय इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को शनिवार को तोशाखाना-2 मामले में 17-17 साल की कैद की सजा सुनाई गई। यह फैसला रावलपिंडी की उच्च-सुरक्षा वाली अडियाला जेल के भीतर गठित एक विशेष अदालत ने सुनाया, जहां इमरान खान अगस्त 2023 से बंद हैं।

फैसले के तुरंत बाद रविवार तड़के इमरान खान के एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक बयान पोस्ट किया गया, जिसमें उन्होंने इसे “सैन्य-शैली की ट्रायल प्रक्रिया” करार देते हुए पार्टी नेताओं से विरोध आंदोलन की तैयारी करने का आह्वान किया।

पोस्ट में कहा गया, मैंने (खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री) सोहेल अफरीदी को सड़कों पर आंदोलन की तैयारी करने का संदेश भेज दिया है। पूरे देश को अपने अधिकारों के लिए उठ खड़ा होना होगा।”

क्या है तोशाखाना-2 मामला?

तोशाखाना-2 मामला वर्ष 2021 में सऊदी सरकार से इमरान खान और उनकी पत्नी को मिले सरकारी उपहारों से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित है।

तोशाखाना पाकिस्तान के कैबिनेट डिवीजन के तहत आने वाला एक विभाग है, जहां विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों और सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहार रखे जाते हैं। तय नियमों के तहत इन उपहारों को वापस खरीदा जा सकता है।

जुलाई 2024 में दर्ज इस मामले में आरोप है कि कीमती वस्तुएं—जिनमें महंगी घड़ियां और हीरे व सोने के आभूषण शामिल हैं, बिना तोशाखाना में जमा किए ही बेच दी गईं।

बुशरा बीबी को अक्टूबर 2024 में इस मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, जबकि इमरान खान को एक महीने बाद जमानत दी गई थी। दिसंबर में दोनों के खिलाफ आरोप तय किए गए लेकिन सुनवाई अडियाला जेल में ही चलती रही क्योंकि वे पहले से अल-कादिर ट्रस्ट मामले में मिली सजा के कारण जेल में थे।

अपने फैसले में जवाबदेही अदालत ने दंपती को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 409 के तहत 10 साल के कठोर कारावास और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत 7 साल की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर 1.64 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इमरान खान ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी को “एकांत कारावास में रखकर लगातार मानसिक यातना दी जा रही है।”

उन्होंने कहा, हमारे लिए किताबें, टीवी और मुलाकातों पर रोक लगा दी गई है। जेल में हर कैदी टीवी देख सकता है लेकिन मुझे और बुशरा बीबी को टीवी देखने तक की अनुमति नहीं है।”

पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया

इस बीच, पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि इमरान खान के बेटों की अपने पिता से मुलाकात पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते वे देश आएं। गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा, सुलेमान खान और कासिम खान के अपने पिता इमरान खान से अडियाला जेल, रावलपिंडी में मिलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।”

सुलेमान और कासिम खान, जो लंदन में रहते हैं, इमरान खान की पहली पत्नी और ब्रिटिश टीवी हस्ती जेमिमा गोल्डस्मिथ से हुए विवाह से उनके बेटे हैं।

इससे पहले पार्टी नेताओं और परिवार के सदस्यों ने पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाकातों पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि राजनीतिक कारणों का हवाला देकर मुलाकातें सीमित की जा रही हैं।

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THE NEWS THIKANA, संपादकीय डेस्क यह द न्यूजठिकाना डॉट कॉम की संपादकीय डेस्क है। डेस्क के संपादकीय सदस्यों का प्रयास रहता है कि अपने पाठकों को निष्पक्षता और निर्भीकता के साथ विभिन्न विषयों के सच्चे, सटीक, विश्वसनीय व सामयिक समाचारों के अलावाआवश्यक उल्लेखनीय विचारों को भी सही समय पर अवगत कराएं।