भारत के पड़ोस में रूसी युद्धपोतःअंडमान सागर में ‘शत्रुतापूर्ण संबंध रखने वाले देश’ की नौसेना के साथ सैन्य अभ्यास
रूस की पैसिफिक फ्लीट के युद्धपोत इन दिनों भारत के पड़ोस म्यांमार की यात्रा पर हैं। इस अभियान में शामिल युद्धपोतों में फ्रिगेट Marshal Shaposhnikov, कॉर्वेट Gremyashchiy और टैंकर Boris Butoma शामिल हैं। यह तीनों जहाज़ अंडमान सागर में बांग्लादेशी नौसेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर..
नयी दिल्ली। रूस की पैसिफिक फ्लीट के युद्धपोत इन दिनों भारत के पड़ोस म्यांमार की यात्रा पर हैं। इस अभियान में शामिल युद्धपोतों में फ्रिगेट Marshal Shaposhnikov, कॉर्वेट Gremyashchiy और टैंकर Boris Butoma शामिल हैं। यह तीनों जहाज़ अंडमान सागर में बांग्लादेशी नौसेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।
यह अभ्यास MARUMEX 2025 नाम से आयोजित हो रहा है, जबकि म्यांमार इस समय भीषण गृहयुद्ध का सामना कर रहा है। चिंता की बात यह है कि अंडमान सागर का चयन ऐसे समय पर किया गया है जब अंडमान और निकोबार द्वीप भारत की इंटीग्रेटेड ट्राई-सर्विस कमान का केंद्र है—जहां भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त कमान स्थित है।
पनडुब्बी खोजने के लिए युद्धाभ्यास
news.az के अनुसार, दोनों नौसेनाओं के संयुक्त अभ्यास का उद्घाटन समारोह बुधवार को थिलावा पोर्ट पर हुआ। रूसी पैसिफिक फ्लीट ने बताया कि अभ्यास के दौरान दोनों देशों की नौसेनाएँ समुद्री नियंत्रण की रणनीतियों का अभ्यास करेंगी।
अभ्यास में शामिल युद्धपोत:
– दुश्मन की पारंपरिक पनडुब्बियों की खोज और ट्रैकिंग करेंगे,
– आर्टिलरी और टॉरपीडो का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न मिशन भी संचालित करेंगे।
समुद्री डकैती के खिलाफ ऑपरेशन
इसके अलावा, दोनों देशों की एंटी-टेरर यूनिट्स निरीक्षण अभियान चलाएँगी और ‘समुद्री डाकुओं’ से कब्जे में गए जहाज को मुक्त कराने के लिए ड्रिल भी करेंगी।
रूस की पैसिफिक फ्लीट के अनुसार, इस सैन्य अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग को मजबूत करना और दक्षिण-पूर्व एशियाई समुद्री क्षेत्र में नागरिक जहाजों व आर्थिक गतिविधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की क्षमता विकसित करना है।
म्यांमार के युद्धपोत भी शामिल
रूसी नौसेना ने बताया कि म्यांमार ने इस त्रिपक्षीय अभ्यास में कई जहाज शामिल किए हैं:
– UMS Moattama (लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक)
– फ्रिगेट Kyansittha
– कॉर्वेट Tabinshwehti
– पनडुब्बी Minye Theinkhathu
म्यांमार की नौसेना आकार में छोटी और सीमित क्षमताओं वाली मानी जाती है, लेकिन वह अंडमान सागर के रणनीतिक क्षेत्र की सुरक्षा संभालती है।
इस क्षेत्र पर चीन भी नज़र बनाए हुए है और लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।
अंडमान सागर भारत के लिए अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में रूस, बांग्लादेश और म्यांमार के संयुक्त अभ्यास को भारत की सुरक्षा चिंताओं के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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