“पहले बैच में सिर्फ 6 हिंदू छात्र..!” वैष्णो देवी मेडिकल इंस्टीट्यूट के प्रवेश पैटर्न पर वीएचपी का विरोध
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में प्रवेश प्रक्रिया पर गंभीर आपत्ति जताई है। वीएचपी का दावा है कि संस्थान के पहले बैच में दाखिला लेने वाले अधिकांश छात्र मुस्लिम समुदाय से हैं, जबकि सिर्फ छह छात्र हिंदू हैं। इस पर वीएचपी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मामले का संज्ञान लेने की मांग..
श्रीनगर। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में प्रवेश प्रक्रिया पर गंभीर आपत्ति जताई है।
वीएचपी का दावा है कि संस्थान के पहले बैच में दाखिला लेने वाले अधिकांश छात्र मुस्लिम समुदाय से हैं, जबकि सिर्फ छह छात्र हिंदू हैं। इस पर वीएचपी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मामले का संज्ञान लेने की मांग की है।
वीएचपी की मांग — प्रवेश नीति की समीक्षा की जाए
वीएचपी नेता बगरा ने कहा कि परिषद को उम्मीद है कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड इस मामले की गंभीरता को समझते हुए अपनी प्रवेश और नियुक्ति नीतियों की तुरंत समीक्षा करेगा।
उन्होंने कहा, “संस्थान की धार्मिक प्रतिबद्धता, संतुलन, और भक्तों व समाज की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए बोर्ड को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए।”
वीएचपी ने यह भी मांग रखी कि “इन संस्थानों में केवल हिंदू शिक्षक और स्टाफ की ही नियुक्ति की जानी चाहिए।”
‘भक्तों की आस्था का सम्मान हो’
अपने पत्र में वीएचपी ने यह भी कहा कि बोर्ड को ऐसे जनकल्याणकारी प्रोजेक्ट ही लेने चाहिए जो माता रानी के भक्तों और हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुँचाएँ।
राष्ट्रीय बजरंग दल का भी विरोध प्रदर्शन
इससे पहले राष्ट्रीय बजरंग दल ने भी जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया था। संगठन ने मांग की थी कि मेडिकल इंस्टिट्यूट को “अल्पसंख्यक संस्थान” (Minority Institution) का दर्जा दिया जाए ताकि जम्मू-कश्मीर के हिंदू छात्रों के लिए सीटों में आरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
वीएचपी और बजरंग दल दोनों ही संगठनों का कहना है कि माता वैष्णो देवी से जुड़ा संस्थान होने के नाते, इस मेडिकल संस्थान की धार्मिक पहचान और संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
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