भारत-इज़रायल के बीच 3,762 करोड़ रुपये का रक्षा समझौता: नये मिसाइल दुश्मन हमलों को हवा में ही मार गिराएंगे, अब नहीं पड़ेगी फाइटर जेट्स की ज़रूरत..!
भारत जल्द ही इज़रायल के साथ लगभग 3.762 अरब डॉलर (₹3,762 करोड़) का बड़ा रक्षा समझौता करने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक 23 नवंबर को होने वाली है, जिसमें इस डील को अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना..
नयी दिल्ली। भारत जल्द ही इज़रायल के साथ लगभग 3.762 अरब डॉलर (₹3,762 करोड़) का बड़ा रक्षा समझौता करने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक 23 नवंबर को होने वाली है, जिसमें इस डील को अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
यह रक्षा पैकेज मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MR-SAM) प्रणाली पर केंद्रित है, जो भारत की वायु रक्षा रणनीति का प्रमुख हिस्सा मानी जा रही है। यह मिसाइल प्रणाली भारत और इज़रायल के बीच संयुक्त रूप से विकसित की जाएगी।
इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (IAI) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) मिलकर इस मिसाइल का निर्माण करेंगे, जिसमें इज़रायल की अत्याधुनिक तकनीक और भारत की स्वदेशी विशेषज्ञता का संयोजन होगा।
MR-SAM प्रणाली एक साथ कई हवाई खतरों से निपटने में सक्षम होगी। इसमें अत्याधुनिक रेडियो-फ्रीक्वेंसी सीकर और फेज्ड एरे रडार लगाया जाएगा, जो सटीक निशाने के लिए इसे और अधिक शक्तिशाली बनाएगा।
यह प्रणाली क्रूज़ मिसाइल, ड्रोन, फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टरों को बीच हवा में ही नष्ट कर सकती है। MR-SAM एक नेटवर्क्ड कमांड और कंट्रोल सिस्टम पर आधारित होगी, जिसमें मोबाइल लॉन्चर्स होंगे ताकि युद्धक्षेत्र में त्वरित तैनाती की जा सके।
अधिकारियों के अनुसार, इस पहली खेप में 300 से अधिक मिसाइल यूनिट्स का निर्माण होगा। इस ऑर्डर में थलसेना के लिए अतिरिक्त रॉकेट भी शामिल रहेंगे, जबकि वायुसेना और नौसेना को नई MR-SAM बैटरियां मिलेंगी।
मिसाइलों का उत्पादन ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत किया जाएगा। इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ ने भारत में पहले ही अपनी स्थानीय इकाई एयरोस्पेस सिस्टम्स इंडिया स्थापित कर ली है, जो मिसाइलों के निर्माण और रखरखाव का कार्य करेगी।
यह मिसाइल प्रणाली कठिन मौसम और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग की स्थिति में भी प्रभावी रूप से काम करने में सक्षम है। सैन्य योजनाकारों ने इसे भारत की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस आर्किटेक्चर का अहम हिस्सा बताया है।
भारत पहले से ही ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम और रूस निर्मित S-400 बैटरियां कई मोर्चों पर तैनात कर चुका है। MR-SAM की तैनाती के बाद भारत की वायु सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह सौदा भारत को एक महत्वपूर्ण परिचालनिक बढ़त (Operational Advantage) देगा। अधिकारियों ने कहा कि इस प्रणाली के आने के बाद दुश्मन के हवाई हमलों को बिना फाइटर जेट या परमाणु हथियारों के प्रयोग के हवा में ही निष्क्रिय किया जा सकेगा।
यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब भारत तीनों सेनाओं में अपनी एयर डिफेंस क्षमता को और सुदृढ़ कर रहा है। यह पैकेज एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दुश्मनों को सुरक्षित हवाई गलियारे से वंचित करना और सीमा क्षेत्रों पर जोखिम को घटाना है।
भारत और इज़रायल का यह संयुक्त रक्षा प्रोजेक्ट देश में अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन की दिशा में एक बड़ा कदम है। MR-SAM प्रणाली से भारत की वायु रक्षा संरचना और मज़बूत होगी तथा यह क्रूज़ मिसाइल और सामूहिक ड्रोन हमलों के खिलाफ देश की प्रतिक्रिया क्षमता को और बढ़ाएगी।
रक्षा मंत्रालय को उम्मीद है कि आगामी उच्च स्तरीय खरीद बैठक में इस डील को मंजूरी मिल जाएगी। मंजूरी के बाद इसका उत्पादन और तैनाती चरण शुरू होगा, जिसके बाद ये नई मिसाइलें भारत के सुरक्षित हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए सक्रिय हो जाएंगी।
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