रमजान में रोजा न रखने पर मोहम्मद शमी को मुस्लिम मौलाना ने बताया 'गुनाहगार'

भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने रमजान के दौरान रोजा न रखने पर आलोचना की है। शमी ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक का सेवन किया था, जिसके बाद यह विवाद खड़ा हुआ।

रमजान में रोजा न रखने पर मोहम्मद शमी को मुस्लिम मौलाना ने बताया 'गुनाहगार'
07-03-2025 - 10:24 AM

दुबई। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने रमजान के दौरान रोजा न रखने पर आलोचना की है। शमी ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक का सेवन किया था, जिसके बाद यह विवाद खड़ा हुआ।

इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के अनुसार, इस साल रमजान का महीना 28 फरवरी की शाम से शुरू हुआ है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं। मौलाना रजवी ने एएनआई से कहा, "इस्लाम के अनिवार्य कर्तव्यों में से एक 'रोजा' है। अगर कोई स्वस्थ पुरुष या महिला रोजा नहीं रखता है, तो वह बड़ा गुनाह करता है।"

उन्होंने कहा, "भारत के एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद शमी ने मैच के दौरान पानी या कोई अन्य पेय पदार्थ लिया। अगर वह खेल रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वह स्वस्थ हैं। ऐसे में रोजा न रखकर उन्होंने गुनाह किया है। पूरी दुनिया ने उन्हें ऐसा करते देखा। यह लोगों के बीच गलत संदेश भेजता है। शरीयत की नजर में वह अपराधी हैं और उन्हें इसका जवाब अल्लाह को देना होगा।"

शमी का बेहतरीन प्रदर्शन

हालांकि इस विवाद के बीच शमी ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने अब तक चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में आठ विकेट लिए हैं, जिससे वह टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं।

34 वर्षीय तेज गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 10 ओवर में 3/48 के आंकड़े दर्ज किए और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। लंबे समय तक चोट से जूझने के बाद यह टूर्नामेंट उनके लिए वापसी का मंच बना है।

शमी ने अपने प्रदर्शन पर कहा, "मैं अपनी पूरी कोशिश कर रहा हूं। कप्तान हमेशा विकेट चाहता है, लेकिन एक गेंदबाज के रूप में मेरी जिम्मेदारी सही जगह पर गेंद डालना है। हमारी टीम में पर्याप्त अनुभव है और नतीजे हमारे पक्ष में हैं। सफेद गेंद क्रिकेट में शुरुआत में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती, असली स्किल 30-35 ओवर के बाद सामने आती है, जब खेल की मांग बदल जाती है।"

शमी की इस आलोचना पर अब तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, खेलप्रेमी उनके प्रदर्शन की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

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